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Showing posts from September, 2018

इंसानी नादानी की कहानी है बाढ़

स मानसून के मौसम में देश के तमाम शहर बाढ़ की चपेट में आये हैं। बाढ़ का तात्कालिक कारण ग्लोबल वार्मिंग है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण वर्षा का पैटर्न बदल रहा है। पूर्व में जो पानी तीन माह में धीरे-धी रे बरसता था, अब वह कम ही दिनों में तेजी से बरस रहा है। जब पानी तेजी से बरस रहा होता है, उस समय नदियों को अधिक पानी समुद्र तक पहुंचाना पड़ता है, जिसके लिये उन की क्षमता क म पड़ रही है। इसलिये बाढ़ आ रही है। जाहिर है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते नदी को पानी वहन करने की क्षमता को बढ़ाना होगा ताकि तेज हुई बारिश के पानी को वह समुद्र तक ले जाये लेकिन हमने इसके विपरीत नदी की वहन शक्ति को कई तरह से कमजोर किया है, जिसके कारण बाढ़ का प्रकोप ज्यादा हो गया है।देश की कई शहरी नदियों में रिवरफ्रन्ट डेवलेपमेंट योजनायें लागू की जा रही हैं। इन योजनाओं में नदी के दोनों तरफ खड़ी दीवारें बना दी जाती हैं, जिससे नदी का पानी एक निर्धारित क्षेत्र में ही बहता है। आसपास की जमीन पर प्रॉपर्टी डेवलेपमेंट या सड़कें बनाई जा सकती हैं। इस प्रकार का विकास अहमदाबाद में साबरमती और लखनऊ की गोमती नदी में देखा जा सकता है। इन ख

प्रेस रिव्यू: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बलात्कार और यौन शोषण के पीड़ित बालकों को भी मिले मुआवजा

कोई ज़रूरत नहीं हैं. इनके लि ए भी समा ज में स्वीकार्यता होनी चाहिए. हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी मनोचिकित्सक इससे इत्तेफ़ाक रखते हों. 'इंडियन साइकीऐट्रिक सोसाइटी' ने एक आधिकारिक बयान में कहा था कि अब समलैंगिकता को बीमारी समझना बंद कर देना चाहिए. सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अजित भिड़े का कहना है कि पिछले 40-50 सालों में ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है जो ये साबित कर सके कि समलैंगिकता एक बीमारी है. डॉ. भिड़े ने ये भी कहा कि समलैंगिक होना बस अलग है, अप्राकृतिक या असामान्य नहीं. हालांकि आईपीसी की धारा-377 भी समलैंगिक संबंधों को अप्राकृतिक और दंडनीय अपराध मानती है.युक्त राष्ट्र के एक कैंपेन (मानवाधिकार के तहत आने वाले फ्री एंड इक्वल कैंपेन) के अनुसार दुनियाभर के 76 देशों में समलैंगिकता को लेकर भेदभावपूर्ण क़ानून हैं. कुछ देशों में इसके लिए मृत्यदंड का प्रावधान भी है. हालांकि बीते कुछ सालों में समलैंगिकता को लेकर स्वी कार्यता बढ़ी है. ऑ स्ट्रेलिया में हाल ही में गे शादियों को क़ानूनी मान्यता देने के लिए वोट कराए गए, बरमूडा में भी गे विवाह को प्रतिबंधित करने वाले क़ानून